2025 के नए आयकर नियम: जानें क्या बदला, किसे होगा फायदा और कौन होगा प्रभावित

2025 के नए आयकर नियम: जानें क्या बदला, किसे होगा फायदा और कौन होगा प्रभावित

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत सरकार ने आयकर नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। ये बदलाव मुख्य रूप से मध्यम वर्ग, वेतनभोगी कर्मचारियों और व्यापारियों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। इस लेख में हम नए आयकर स्लैब, कर में दी गई छूट, संभावित प्रभाव और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

1. नया आयकर स्लैब (नयी कर व्यवस्था)

सरकार ने 2025 के बजट में नई कर व्यवस्था के तहत निम्नलिखित स्लैब पेश किए हैं:

आय सीमा (रुपये में)कर दर (%)
0 से 4 लाख0%
4 लाख से 8 लाख5%
8 लाख से 12 लाख10%
12 लाख से 16 लाख15%
16 लाख से 20 लाख20%
20 लाख से 24 लाख25%
24 लाख से अधिक30%

इस नई व्यवस्था के अनुसार, 12 लाख रुपये तक की आय वाले करदाताओं को कोई कर नहीं देना होगा।

2. पुराने और नए कर ढांचे की तुलना

पुरानी कर व्यवस्था को जारी रखा गया है, जिससे करदाता अपनी सुविधा के अनुसार विकल्प चुन सकते हैं।

आय सीमा (रुपये में)पुरानी कर दर (%)नई कर दर (%)
0 से 2.5 लाख0%0%
2.5 लाख से 5 लाख5%0%
5 लाख से 7.5 लाख10%5%
7.5 लाख से 10 लाख15%10%
10 लाख से 12.5 लाख20%10%
12.5 लाख से 15 लाख25%15%
15 लाख से अधिक30%20%-30%

3. नए नियमों से किसे होगा फायदा?

(i) मध्यम वर्ग

  • जो लोग 12 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें कर में पूरी छूट मिलेगी।
  • 16 लाख रुपये तक की आय वालों को कम कर का बोझ झेलना होगा।
  • नई व्यवस्था के तहत कम टैक्स भुगतान करने का अवसर मिलेगा।

(ii) वेतनभोगी कर्मचारी

  • वेतनभोगी कर्मचारियों को स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 50,000 रुपये की छूट दी गई है।
  • एचआरए और एलटीए पर टैक्स छूट को और सरल बनाया गया है।
  • प्रोविडेंट फंड और ग्रेच्युटी पर भी नई कर योजना में राहत दी गई है।

(iii) सीनियर सिटिजन्स

  • 60 साल से ऊपर के करदाताओं के लिए कर-मुक्त आय सीमा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है।
  • मेडिकल खर्च पर अधिक छूट मिलेगी।
  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर कर छूट की सीमा बढ़ाई गई है।

4. कौन होगा प्रभावित?

  1. उच्च आय वर्ग: 24 लाख से अधिक आय वालों के लिए कर की दर 30% बनी हुई है।
  2. व्यापारी और स्वरोजगार: पुराने टैक्स बेनेफिट्स में कटौती की गई है।
  3. निवेशकों: 80C के तहत छूट में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है, जिससे म्यूचुअल फंड और बीमा योजनाओं पर प्रभाव पड़ सकता है।
  4. फ्रीलांसर और स्टार्टअप मालिक: उन्हें अब नए कर अनुपालन की आवश्यकताओं का पालन करना होगा।

5. कर छूट और कटौतियाँ

नए नियमों के तहत निम्नलिखित छूट और कटौतियाँ दी गई हैं:

  • 80C के तहत निवेश (PPF, EPF, LIC) पर छूट जारी रहेगी।
  • 80D के तहत स्वास्थ्य बीमा पर 50,000 रुपये तक की छूट।
  • गृह ऋण पर ब्याज छूट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
  • नए स्टार्टअप्स के लिए कर रियायतें दी गई हैं।
  • शिक्षा ऋण पर कर छूट को और विस्तारित किया गया है।

6. नए नियमों का आर्थिक प्रभाव

  • मध्यम वर्ग के हाथ में अधिक पैसा रहेगा, जिससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा।
  • उच्च आय वर्ग पर कर भार बना रहेगा, जिससे सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी।
  • निवेश पैटर्न में बदलाव देखने को मिलेगा।
  • भारतीय बाजार में उपभोग बढ़ने से आर्थिक ग्रोथ को प्रोत्साहन मिलेगा।

7. अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान

  • डिजिटल ट्रांजेक्शन पर टैक्स में रियायत: कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल भुगतान पर कर राहत दी गई है।
  • क्रिप्टोकरेंसी पर कर नियम: क्रिप्टो संपत्ति पर 30% टैक्स लागू रहेगा, लेकिन रिपोर्टिंग प्रक्रिया सरल बनाई गई है।
  • ग्रीन एनर्जी निवेश पर टैक्स बेनिफिट: पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों पर निवेश करने पर अतिरिक्त छूट दी गई है।

8. निष्कर्ष

2025 के नए आयकर नियमों से सबसे अधिक लाभ मध्यम वर्ग को मिलेगा, जबकि उच्च आय वालों पर कर भार जारी रहेगा। करदाताओं को अपने वित्तीय निर्णय लेते समय दोनों व्यवस्थाओं की तुलना करके उचित विकल्प चुनना चाहिए। नई कर व्यवस्था अधिक सरल और पारदर्शी बनाई गई है, जिससे करदाताओं को अपनी कर देनदारी का प्रबंधन करने में आसानी होगी।

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